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Vikas Ke Naam Par Vinaash: Kahin Der Na Ho Jaaye (विकास के नाम पर व (en Hindi)
Pankaj Singh K
(Autor)
·
Diamond Pocket Books Pvt Ltd
· Tapa Blanda
Vikas Ke Naam Par Vinaash: Kahin Der Na Ho Jaaye (विकास के नाम पर व (en Hindi) - K, Pankaj Singh
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Reseña del libro "Vikas Ke Naam Par Vinaash: Kahin Der Na Ho Jaaye (विकास के नाम पर व (en Hindi)"
पंकज के. सिंह भारत के उन प्रतिष्ठित लेखकों एवं विचारकों में शुमार हैं, जिन्होंने राष्ट्र-समाज तथा। व्यवस्था से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर शोधपूर्ण मौलिक लेखन किया है। विदेश नीति, पर्यावरण, स्वच्छता तथा अन्य सामाजिक महत्व के विषयों पर इनकी लिखित पस्तकें 'स्वच्छ। भारत, समृद्ध भारत', 'द ऑनली वे टू मेक इंडिया ग्रेट', 'वी आर बिकॉज ऑफ यू', 'क्रियेशन ऑफ न्य इंडिया' 'आर वी द लॉस्ट जनरेशन' 'देश की गिरती सेहत' 'कहीं देर न हो जाए'द पॉवर ऑफ गुड़ मैनर्स', 'आर वी रेडी फॉर चेंज' तथा 'भारतीय विदेश नीति' संपूर्ण भारत में बेहद लोकप्रिय रही हैं । सामाजिक समरसता के विषय पर आधारित इनकी पुस्तक 'पाखंडमुक्त भारत' संपूर्ण भारत में चर्चा और विमर्श का केंद्र रही है। 30 से अधिक पुस्तकों के लेखक, प्रशासनिक चिंतक और आर्थिक मामलों के जानकार पंकज की। पूर्व प्रकाशित पुस्तकें समर्थ भारत', 'भारत का अब तक का सबसे बड़ा आर्थिक सुधार-जीएसटी' संपूर्ण भारत में विद्यार्थियों और नीति निर्धारकों में बेहद लोकप्रिय रही हैं । लेखक ने देश की शिक्षा व्यवस्था पर गहन अध्ययन किया है। देश की शिक्षा-प्रणाली के प्रत्येक बिंदु पर गंभीर अध्ययन प्रस्तुत करती इनकी पुस्तक 'जैसी शिक्षा, वैसì
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El libro está escrito en Hindi.
La encuadernación de esta edición es Tapa Blanda.
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